स्तनपान के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाएंगी ये छोटी-छोटी बातें

स्तनपान के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाएंगी ये छोटी-छोटी बातें

डॉ. पी.के. सिंंघल

बच्चों का मूल आहार दूध है और बच्चों को दूध पिलाने का सर्वोत्तम व सर्वमान्य तरीका स्तनपान है। शिशु के स्वस्थ विकास में स्तनपान की मुख्य भूमिका है। बच्चे के जन्म के एक घंटे के भीतर ही उसे स्तनपान शुरू करवा देना चाहिए। सिजेरियन ऑपरेशन द्वारा पैदा हुए बच्चे या किसी अन्य गंभीर स्तिथि में भी बच्चे को जितना जल्द हो सके, स्तनपान अवशय शुरू करा देना चाहिए। लेकिन कभी-कभी स्तनपान के दौरान ऐसी समस्याएं सामने आ जाती हैं जो कि दिखने में तो छोटी होती हैं लेकिन वह गंभीर समस्या बन जाती हैं। इन समस्याओं के चलते माँ अपने होने वाले बच्चे को स्तनपान नहीं करा पाती है। बच्चे के जन्म के बाद स्तनपान से संबंधित कुछ ऐसी समस्याएं हो जाती है जिसे लेकर महिलाएं चिंतित रहने लगती हैं। उसे बड़ी बीमारी समझने लगती हैं। आज हम आपको इस आलेख में स्तनपान से संबंधित समस्याओं और उनके उपचार के बारे में बताएंगे। स्तनपान के दौरान कौन सी बातें जरूरी होती हैं।

स्तनपान से संबंधित समस्याएं व उपचार-

1- स्तन का भारी होना:

डॉक्टर के अनुसार यह स्तन में अधिक दूध होने से होता है। इसके लिए आसान सा उपाय है कि अधिक दूध को हाथ से दबाकर निकाल देना चाहिए।

2- निप्पल (चुचुक) का चपटा होना:

डॉक्टर के अनुसार गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों में निप्पल धीरे-धीरे खींचना चाहिए और बच्चे के जन्म के बाद निप्पल या स्तन का काला हिस्सा बच्चे के मुंह में देना चाहिए।

3- निप्पल पर घाव:

डॉक्टर के अनुसार अगर पर घाव है तो स्तनपान से पहले स्तन को अच्छी तरह साफ कर लें और बच्चे को कम समय के लिए दूध पिलायें, लेकिन बच्चे को एक अंतराल के बाद फिर से दूध पिलाएं। इसके आलावा स्तनपान करने से पहले कुछ दूध हाथ से दबाकर निकल दें, इसके बाद बच्चे को स्तनपान कराएं। दूध पिलाने के बाद स्तन को सुखाकर घी या नारियल का तेल लगाना चाहिए।

स्तनपान के लिए जरूरी बातें

1-स्तनपान कराते समय हर संभव सफाई का ख्याल रखें। 

2- स्तनपान के समय बच्चे एवं माँ दोनों को ही आराम और शांत होना चाहिए।

3- हर बार स्तनपान के समय कम से कम एक स्तन बिल्कुल खाली हो जाना चाहिए।

4- स्तनपान का समय शुरुआत में 5 रखना चाहिए लेकिन इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 15-20 मिनट कर देना चाहिए।

5- स्तनपान के बाद बच्चे को डकार आना बहुत जरूरी है।

6- स्तनपान कराने वाली माँ को खुद अपने भोजन, सफाई, स्वास्थ्य एवं आराम पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उसे सामान्य से अधिक पौष्टिक और प्रोटीन, विटामिन से भरपूर भोजन या आहार लेना चाहिए। इसके आलावा माँ को आवशयकता अनुसार पूरा आराम करना चाहिए।

7- यदि माँ नौकरी करती है तो पहले से निकाले हुए माँ के दूध का इस्तेमाल किया जा सकता है।


(लेखक दिल्‍ली के जाने माने फीजिशियन और जीवनशैली रोग विशेषज्ञ हैं। ये आलेख उनकी किताब फैमिली हेल्‍थ गाइड से साभार लिया गया है। प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित ये किताब hindibooks.org से मंगवाई जा सकती है)

 

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