किडनी के बारे में ये तथ्‍य जानते हैं आप?

किडनी के बारे में ये तथ्‍य जानते हैं आप?

क्या आप जानते हैं?

  • हर किडनी के अंदर लाखों नेफ्रॉन होते हैं जो रक्त के छोटे-छोटे फिल्टरों का काम करते हैं। आपके रक्त का सारा कचरा और विषैले तत्व आपके यूरीन में चले जाते हैं और वहां से बाहर निकल जाते हैं।
  • किडनी शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखती हैं। शरीर को कम पानी मिलने पर किडनी कम यूरीन बनाती हैं।
  • किडनी दिन में लगभग 400 बार रक्त को फिल्टर करती है।
  • किडनी हर मिनट करीब 1.3 लीटर रक्त को साफ करती हैं और दिन में लगभग इसी मात्रा में यूरीन पैदा करती हैं।
  • अगर किडनी को रक्तचाप में कमी महसूस होती है, तो वे रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को सिकुड़ने का संकेत देती हैं।
  • जब किडनी को रक्त में ऑक्सीजन के स्तर में कमी लगती है तो वे एक हार्मोन को रिलीज करते हुए नई लाल रक्त कोशिकाएं (red blood cells) बनाने की प्रक्रिया को तेज करती हैं।
  • ट्रांसप्लांट की गई किडनी को आम तौर पर आपके पेडू (पेल्विस) में लगाया जाता है और खराब किडनी को छेड़ा नहीं जाता।
  • अधिकतर लोगों के शरीर में दो किडनियां होती हैं मगर आपका शरीर एक ही किडनी से आराम से काम कर सकता है।
  • आपकी किडनियां शरीर में विटामिन डी को भी सक्रिय करती हैं, मगर अंतिम उपाय के रूप में। अगर आपकी स्किन सेल्स सूर्य से विटामिन डी नहीं ले पातीं, तो आपका लिवर इस दिशा में काम करता है। और अगर आपका लिवर विटामिन डी नहीं उत्पन्न कर सकता, तो फिर आपकी किडनियां यह काम करती हैं।
  • किडनी आपके मूत्राशय (bladder) से ट्यूब्स द्वारा जुड़ी होती हैं।
  • दुनिया की 10 फीसदी आबादी क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) से पीड़ित है और लाखों लोग हर साल सही और सस्ते इलाज के अभाव में मर जाते हैं।
  • क्रोनिक किडनी डिजीज का इलाज हो सकता है। शुरू में ही निदान और उपचार शुरू होने पर किडनी की समस्या को बढ़ने से रोकना या धीमा करना संभव है।
  • एक शिशु की किडनी उसके शरीर के भार के मुकाबले बड़े आकार की होती है। एक वयस्क में किडनी का आकार एक मुट्ठी के बराबर होता है।
  • किडनी की पथरी ज्यादातर कम पानी पीने के कारण होती है। इसलिए शरीर को पानी की कमी न होने दें।
  • पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट 1954 में बोस्टन में हुआ था।
  • अधिकांश लोगों में किडनी की बीमारी का पता देर से चलता है। हो सकता है कि जब आपको लक्षण नजर आएं, तब तक आपकी 90 फीसदी किडनी खराब हो चुकी हो। इसलिए समय-समय पर एक साधारण किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) कराने में कोई बुराई नहीं है।
Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।