टाइफाइड में ये आयुर्वेदिक काढ़ा जल्द दिलाएगा राहत, ये है बनाने की विधि?
सेहतराग टीम
गर्मी का मौसम आ गया है। इसी के साथ कई तरह की बीमारियां भी लोगों को होने लगी हैं। उन्हीं में एक है टाइफाइड जो गर्मी के मौसम में काफी तेजी से फैलता है। वहीं इस समय कोरोना भी काफी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में दोनों काफी खतरनाक हैं। इसके साथ ही दोनों के लक्षण भी एक तरह के ही हैं, जहां कोरोना 10-12 दिन में सही हो जाता है वहीं टाइफाइड 20 दिन से ज्यादा वक्त ले रहा है। टाइफाइड बुखार को मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है।
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टाइफाइड बुखार पाचन तंत्र और खून के प्रवाह में साल्मोनेला टाइफी नाम बैक्टीरिया हो जाता है जोकि दूषित पानी और खाने के द्वारा हमारे शरीर में चला जाता है। इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है।
योग, प्राणायाम के साथ-साथ इस आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन करने से मात्र 3 दिन में ही टाइफाइड सही हो जाता है और 7 दिन में आपकी बॉडी पूरी तरीके से रिकवर हो जाती है। जानिए इस आयुर्वेदिक काढ़ा को बनाने की विधि।
टाइफाइड के समय इस काढ़ा का सेवन करते समय अपनी डाइट का भी खास ख्याल रखना होगा। आपको 3 दिन तक केवल काढ़ा और दिनभर चीकू का सेवन करना होगा। अगर चीकू नहीं मिले तो सेब या पपीता का सेवन करे। अगर यह भी नहीं मिले तो चावल और छिवले वाली मूंग की दाल में विभिन्न तरह की हरी सब्जियों को डालकर खिचड़ी बनाकर खा सकते हैं।
टाइफाइड के लक्षण (Typhoid Symptoms in Hindi):
- बुखार
- सिरदर्द
- पेट दर्द
- उल्टी
- भूख ना लगना
- बदन दर्द
- बैचेनी होना
टाइफाइड के लिए काढ़ा बनाने की सामग्री
- खूबकाला 2-3 ग्राम
- 8 मुनक्का
- 3-4 अंजीर
ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा (Ayurvedic Kadha for Typhoid Fever in Hindi):
टाइफाइड की समस्या से निजात पाने के लिए यह काढ़ा सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। काढ़ा बनाने के लिए 400 ग्राम पानी में इन सभी सामग्री को डालकर धीमी आंच में पकाएं। जब पानी 100 ग्राम बचें तो इसे ठीक तरह से मैश करके पानी छान लें। इसके बाद इसका सेवन दिन में दो बार करे।
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