गले में दर्द के लिए सटीक है होम्योपैथी इलाज

गले में दर्द के लिए सटीक है होम्योपैथी इलाज

डॉ. बलबीर कसाना

गले में समस्या होने का मतलब है ऊपरी श्वसन तंत्र (जैसे- नाक, गला) में खुजली, दर्द और सूखापन होना। गले में दर्द की समस्या दो कारणों से हो सकती है।

पहला- गले की टॉन्सिल में सूजन, टॉन्सिल में जख्म, टॉन्सिल के बढ़ जाने और इंफेक्शन होने के कारण गले में दर्द होता है। ये समस्या धूम्रपान, प्रदूषण, बैक्टीरिया संक्रमण, एसिड रिफ्लक्स और एलर्जिक राइनाइटिस के कारण भी हो सकती है।

दूसरी- मौसम के बदलने, थ्रॉट इंफेक्शन, खान-पान जीवन शैली में बदलाव होने के कारण गले में दर्द की समस्या हो जाती है।

होम्योपैथी में गले के दर्द का उपचार-

होम्योपैथी के अनुसार, कोई भी बीमारी तब होती है जब जीवन के लिए आवश्यक शारीरिक कार्यों में कोई असंतुलन होता है या शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान होता है। शरीर के इम्यून सिस्टम में होने वाले किसी असंतुलन के कारण गला खराब होता है। गले में दर्द होने पर सामान्य लक्षण अनुभव करने के साथ-साथ व्यक्ति को कुछ ऐसी समस्याएं भी अनुभव होती हैं जो उसके शरीर पर निर्भर करती हैं। इन लक्षणों को जानकर और व्यक्ति को कोई बीमारी होने की संभावना के आधार पर होम्योपैथिक डॉक्टर को रोगी के लिए उचित दवा चुनने में मदद मिलती है।

होम्योपैथी में हर व्यक्ति को उसके लक्षणों के आधार पर अलग दवा दी जाती है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को हुआ नुकसान भी ठीक होता है और इसके कारण होने वाली बीमारी का भी इलाज होता है। होम्योपैथिक उपचार दोबारा से बीमार होने की संभावना भी खत्म करता है और इससे संबंधित जटिलताओं जैसे टॉन्सिल में पस बनना, कान में संक्रमण, साइनस और त्वचा के संक्रमण आदि से भी बचाता है।

गले के दर्द के लिए होम्योपैथी दवाएं-

होम्योपैथी दवा व्यक्ति को रोग के लक्षणों के आधार दी जाती हैं। होम्योपैथी गले के दर्द के लिए कुछ कारगर दवाएं हैं जैसे- बेलाडोना, ब्रायोनिया, कैप्सिकम, कॉस्टिकम आदि।

 

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