कई कारणों से हो सकता है सिरदर्द, जानिए

कई कारणों से हो सकता है सिरदर्द, जानिए

सेहतराग टीम

आज के समय में कई तरह की समस्या हमें देखने को मिलती है। उनमें कई काफी सामान्य होती है और कई काफी जानलेवा होती है। उन सभी में सिरदर्द की समस्या भी है, जो अक्सर लोगों को होती है। वैसे तो ये काफी सामान्य समस्या है लेकिन ये लोगों को काफी परेशान करता है। दरअसल सरदर्द हमारी आदतों और खानपान में अनियमितता से होता है। इसलिए आज के समय में यह काफी लोगों में देखने को मिलता है। लेकिन अगर अपनी लाइफस्टाइल ठीक करें तो इस समस्या से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। वैसे इसके दूसरे कारण भी हो सकते है। कुछ बीमारियां और हमारे कपड़े पहनने का अंदाज भी इसका कारण बन सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सिरदर्द के पीछे क्‍या वास्‍तविक कारण है। आइए हम आपको बताते हैं।

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चुस्त परिधान

बहुत चुस्त कपड़े व टाइट बेल्ट लगातार एब्डॉमेन पर दबाव डालते हैं, जिससे अकसर सिर दर्द होता है। अधिक देर तक पेट को भीतर दबा कर रखने से कभी-कभी लगता है कि सिर फट जाएगा। इससे बचने के लिए आरामदायक कपड़े पहनें और खाना खाते समय पेट को टाइट न रखें।

गैस्ट्रोनॉमी

बहुत मिर्च-मसाले का खाना खाने से, खाना मिस करने से और हैवी खाना खाने या जंक फूड खाने से पेट में जलन व गैस बनने की समस्या होती है। जिन्हें अधिक गैस बनती है उन्हें भी सिर दर्द परेशान करता है। ऐसे खाने से बचें, जो एसिड बनाते हों। खाना खाने के तुरंत बाद लेटने से भी गैस्ट्रिक की समस्या होती है। कम से कम सोने के दो घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए। इसके अलावा खूब पानी पिएं।

कहीं ये खुशबू तो नहीं

कहीं आपका सिर उस समय तो दर्द नहीं करने लगता, जब आप सेंट छिड़क रहे हों। या जब आप भीड़ भरे खुशबूदार माहौल में हों। यह भी हो सकता है कि आप ज्यादा सेंसिटिव हों। तेज महक से या यूं कहना चाहिए कि खुशबू से आपको एलर्जी हो। बहुत आसान है कि जिन तेज फ्रेगरेंस से आपको परेशानी होती है, उनसे दूर रहें। उस समय वहां से दूर रहें, जहां डिओडरेंट या परफ्यूम स्प्रे हो रहा हो। याद रखें कि एक बार सिर दर्द हो गया तो दर्द की दवा के बिना आपको चैन नहीं मिलेगा।

कैफीन की ओवरडोज

अकसर कैफीन की अधिकता भी सिर दर्द का कारण बनती है। कुछ खाने वाली चीजों जैसे पुडिंग और केक में इतनी कैफीन होती है कि उन्हें खाने से सिर में दर्द हो जाता है। कुछ पेय पदार्थो जैसे कोला, कॉफी, लिकर और चाय के सेवन से भी ऐसा ही होता है। इनमें से कुछ खाना हो तो अधिक मात्रा में न खाएं। इस पर भी ध्यान रखें कि जिनमें मोनो सोडियम ग्ल्यूटामेट हो, जैसे प्रोसेस्ड मीट और फिश, खमीर से बेक्ड खाना, रेड वाइन, सिट्रस फ्रूट और आर्टिफिशियल स्वीटनर वाली चीजें, अपने भोजन से एकदम कम कर दें।

ब्रेन फ्रीज होने पर

कई बार बहुत ठंडी आइसक्रीम या जमा हुआ कोल्ड ड्रिंक पीने से लगता है कि सिर में दर्द हो गया। इसे ही बेन फ्रीज कहते हैं, जो बहुत ठंडा खाने से या पीने से होता है। यदि आपको माइग्रेन की शिकायत है तो आपको इस ठंडे सिर दर्द से बच कर रहना पड़ेगा। इसके लिए बहुत ठंडे व फ्रीज्ड पदार्थ खाने-पीने से जहां तक हो सके बचें।

वातावरण ऐसा तो नहीं

वातावरण में आया अचानक बदलाव, गरमी, तेज हवा, ह्यूमिडिटी भी सिर दर्द के जनक हैं। कभी-कभी सूरज की तेज रोशनी, ग्लेयर, फ्लोरेसेंट लाइटिंग या टेलिविजन स्क्रीन से भी ऐसा हो सकता है। साथ ही बहुत ठंडक होने से भी माइग्रेन होता है। ड्राई व डस्टी, महक वाले या स्टफी कमरे, जिनमें खराब वेंटिलेशन हो भी सिर दर्द के कारण हो सकते हैं, क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलती है। प्रदूषण, धुंआ व सिगरेट के धुंए से भी सिर दर्द हो सकता है। कई बार तेज चुभने वाली आवाज से भी सिर में भयानक दर्द हो जाता है। इसे ही नॉयज पॉल्यूशन कहते हैं।

ऐसी स्थितियों से दूर रहने की कोशिश करें, आत्मनियंत्रण पर काम करें और नियमित मेडिटेशन करने का अभ्यास बनाएं। अपने कमरे को हवादार रखें। देर तक टेक्‍नोलॉजी के संपर्क में न रहें। अगर समस्‍या गंभीर हो तो चिकित्‍सक से संपर्क करें।

 

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