स्किन पर क्यों होते हैं सफेद दाग? जानिए लक्षण और रोकथाम के उपाय

स्किन पर क्यों होते हैं सफेद दाग? जानिए लक्षण और रोकथाम के उपाय

सेहतराग टीम

आज के समय में कई तरह की समस्याएं होती हैं। उन्हीं में एक समस्या है ल्यूकोडर्मा जिसे आम भाषा में विटलिगो कहा जाता है। इस समस्या लोगों के चेहरे पर सफेद धब्बे बनने लगते हैं। ये समस्या ऑटो इम्यून डिसऑर्डर की वजह से होता है। इसमें शरीर के नेचुरल कलर की स्किन बननी बंद हो जाती है। तब सफेद धब्बे स्किन पर निकलने लगता है। ये बीमारी जेनेटिक होने के चांस होते है पर ये पूरी तरह से जेनेटिक नहीं होता है। इसी के साथ ऐसा भी नहीं है कि जब एक बच्चा जन्म ले, तो जन्म के साथ उसे इसकी प्रॉब्लम हो। बाद में भी उसे ये प्रॉब्लम हो सकती है। फिर उम्र बढ़ने के साथ अगर ऐसी कोई प्रॉब्लम दिखाई दे, तो बेहतर होगा कि तुरंत किसी स्किन स्पेशलिस्ट से कॉन्टैक्ट करें।

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ल्यूकोडर्मा में जब स्थिति सीरियस हो जाती है, तो धब्बे खोपड़ी, चेहरे और जननांगों सहित शरीर के लगभग सभी हिस्सों को कवर करने लगते हैं।

ऐसे हो सकते हैं लक्षण

स्किन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ल्यूकोडर्मा का सबसे बड़ा लक्षण स्किन पर मिल्की व्हाइट पैचेस होते हैं। इसके अलावा भी कुछ लक्षण नजर आते हैं, जो इस तरह के हो सकते हैं।

  • बालों का समय से पहले सफेद होना।
  • श्लेष्मा झिल्ली में कलर लॉस होना।
  • रेटिना के रंग में बदलाव होना।

हालांकि ल्यूकोडर्मा बॉडी के किसी भी पार्ट को प्रभावित कर सकता है, पिग्मेंटेशन आमतौर पर शरीर के सन एक्सपोजर एरिया पर ज्यादा होती है।

ऐसे हो सकते हैं कारण

स्किन स्पेशलिस्ट्स बताते हैं कि ल्यूकोडर्मा का सटीक कारण अभी भी अज्ञात है। हालांकि, यह वायरस के संक्रमण, फैमिली हिस्ट्री, तनाव या किसी भी ऑटोइम्यून विकार के कारण हो सकता है।

ल्यूकोडर्मा का उपचार

स्किन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ल्यूकोडर्मा का कोई स्थायी उपचार उपबल्ध नहीं है, लेकिन उपचार के जरिए प्रभावित एरिया पर अपिरयरेंस में सुधार किया जाता है। इस बीमारी के उपचार के लिए लाइट थेरेपी, दवा या सर्जरी तीन ऑप्शँस मौजूद हैं।

ऐसे हो सकती है रोकथाम

स्किन स्पेशलिस्ट्स के अनुसार, ऐसे कई तरीके हैं, जिनकी मदद से ल्यूकोडर्मा से बचाव मुमकिन है। मसलन, केमिकल्स व सूरज के संपर्क में कम आना व तनाव से खुद को दूर रखकर ल्यूकोडर्मा से बचाव किया जा सकता है।

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