सिर्फ तंबाकू से ही नहीं, सोडा, पॉपकॉर्न सहित इन 4 चीजों को खाने से भी बढ़ता कैंसर का खतरा
सेहतराग टीम
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार (WHO) के मुताबिक हर 10 में एक भारतीय को कैंसर होने की आंशका बनी रहती है और 2025 तक तो देश के 16 लाख लोग कैंसर का शिकार हो सकते हैं। वहीं डब्ल्यूएचओ (WHO) की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार, 2018 में लगभग 9.6 मिलियन लोग कैंसर से मारे गए। जिसमें सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मरीज होंगे। पुरुषों में ब्रेन, गले, फेफड़े और पेट का कैंसर होना काफी आम हो गया है तो वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं। जिसकी सबसे बड़ी वजह है बढ़ता प्रदूषण, खाने में कीटनाशक, विटामिन D की कमी, धूम्रपान, गुटखा खाना और बढ़े हुए वजन के साथ-साथ केमिकल युक्त फूड्स का सेवन करना।
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पैकेज्ड फूड से लेकर मिलावटी प्रोडक्ट्स तक, ये सभी चीजें कहीं न कहीं शरीर में असंतुलन पैदा करने का काम करती हैं, जिससे विभिन्न प्रकार की हेल्थ समस्याएं पैदा होती हैं। यदि आप कैंसर से हमेशा के लिए दूर रहना चाहते हैं, तो आज वर्ल्ड कैंसर डे पर जानें ऐसी 8 चीजें जिससे आपको दूर रहना है।
माइक्रोवेव पॉपकॉर्न
क्या आप जानते हैं कि जिस माइक्रोवेव बैग में आप पॉपकॉर्न तैयार करते हैं, वह PFOA नामक एक उत्पाद के साथ मिला होता है, जो अग्न्याशय, गुर्दे, लिवर और मूत्राशय के कैंसर के पीछे का कारण साबित होता है। जब आप बैग में मकई पकाते हैं, तो PFOA मक्खन में मौजूद कृत्रिम ट्रांस फैट के साथ-साथ पॉपकॉर्न को कोट करता है। पॉपकॉर्न एक हेल्दी स्नैक है, लेकिन केवल तभी तक जब इसे गैस स्टोव या चूल्हे पर तैयार किया गया हो।
सोडा
हम सभी जानते हैं कि सोडा स्वास्थ्य के लिए बुरा है और अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह आपकी जान भी ले सकता है। इसमें शुगर की अधिक मात्रा होती है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाती है। इसमें पोषक तत्वों का नामों निशान तक नहीं होता। कृत्रिम रसायनों और रंगों की उपस्थिति इसे जानलेवा बनाते हैं।
मैदा
हम सभी जानते हैं कि साबुत अनाज अच्छा है, मगर वहीं रिफाइंड फ्लोर सेहत के लिए उतना ही खतरनाक। मैदा बनाने के दौरान उसका सफेद रंग क्लोरीन गैस की मदद से आता है। इसके अलावा, मैदे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी ज्यादा हाई होता है, जो रक्त शर्करा को बढ़ाकर इंसुलिन के स्तर को बढ़ाता है।
आलू के चिप्स
आलू के चिप्स में नमक और संतृप्त वसा पाया जाता है, जो मानव शरीर के लिए अच्छा नहीं है। इनमें एक्रिलामाइड पाया जाता है, जो एक कार्सिनोजेनिक रसायन है। यह कैंसर का खतरा बढ़ाता है। यह रसायन सिगरेट में भी पाया जाता है, जो इसे खतरनाक भी बनाता है।
प्रोसेस किया मीट
जिन लोगों के पास समय नहीं होता वह फूड स्टोर से प्रोसेस मीट लाकर अपना समय बचा लेते हैं। मगर हाल ही में हुए एक अध्ययन ने साबित किया है कि इनमें कैंसर पैदा करने वाले तत्व होते हैं जो जोखिम को बढ़ाते हैं। सलाह दी जाती है कि महीने में एक बार से अधिक प्रोसेस मीट का सेवन न करें।
शराब
कभी-कभार शराब पीने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जब यह एक बुरी लत बन जाए तो यह कैंसर को जन्म दे सकती है। ज्यादा शराब का सेवन आपके लीवर को नुकसान पहुंचाता है और किडनी पर दबाव बढ़ाता है। यह पाया गया है कि अत्यधिक शराब के सेवन से मुंह, अन्नप्रणाली, यकृत, कोलोन और मलाशय के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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