जानें, गर्भावस्था में जेस्टेशनल डायबिटीज होने की वजह और बचाव उपाय

जानें, गर्भावस्था में जेस्टेशनल डायबिटीज होने की वजह और बचाव उपाय

सेहतराग टीम

आज के समय में कई तरह की समस्याएं हो रही हैं। उन्हीं में एक है डायबिटीज जो अधिकतर लोगों को परेशान करती है। वैसे डायबिटीज में शुगर लेवल ऊपर या नीचे होता रहता है, जो हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। वहीं जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसे जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या होती है। अन्य प्रकार के मधुमेह की तरह जेस्टेशनल डायबिटीज भी आपकी कोशिकाओं द्वारा हो रहे गुल्कोज के उपयोग को प्रभावित करता है। 

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यह गर्भावस्था के साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान इस तरह की जटिलता चिंताजनक है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार दवा लेने पर, स्वस्थ भोजन खाने पर, नियमित रूप से व्यायाम करके आवश्यकता पड़ने पर इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। स्वस्थ आहार और व्यायाम का पालन करने के बावजूद ग्लूकोज का स्तर अधिक होने पर इंसुलिन थेरेपी की आमतौर पर आवश्यकता होती है।

हो सकता है टाइप-2 डायबिटीज

गर्भकालीन मधुमेह वाली महिलाओं में, रक्त शर्करा का स्तर आमतौर पर प्रसव के बाद वापस सामान्य हो जाता है। लेकिन अगर आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है, तो टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है। चिकित्सकिय सलाह पर आप अपने ब्लड शुगर स्तर को बार- बार जांच लें। रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने से माँ और उसके बच्चे को स्वस्थ रखा जा सकता है और प्रसव के दौरान किसी भी जटिलता को रोका जा सकता है।

विभिन्न कारक जो गर्भकालीन मधुमेह को जन्म दे सकते हैं-

हार्मोनल परिवर्तन

गर्भावस्था के दौरान, हार्मोन का स्तर बदल जाता है, जिससे शरीर के लिए रक्त शर्करा को कुशलता से संसाधित करना कठिन हो जाता है और इसके परिणामस्वरूप रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि हो सकती है इसलिए बहुत जरूरी है कि आपके हार्मोन संतुलित हो।

इंसुलिन में उतार-चढ़ाव

पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) या कोई अन्य स्वास्थ्य स्थिति जो इंसुलिन में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती है। उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, या अन्य कोई समस्या का होना।

  • अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होना
  • पहले से परिवार के किसी सदस्य का मधुमेह से ग्रसित होना
  • जेस्टेशनल डायबिटीज या प्रीडायबिटीज का इतिहास होना
  • शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होना

जेस्टेशनल डायबिटीज को रोकने के लिए उपाय

कुछ सरल कदम उठाकर गर्भावस्था से पहले और दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज और टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है।

स्वस्थ खाने पर ध्यान दें

आहार में अधिक से अधिक फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें। ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जो फाइबर में उच्च और वसा और कैलोरी में कम हों। तला-गला खाना और बाहर की चीजों के सेवन से परहेज करें। चाय-कॉफी का सेवन भी न करें।

गर्भावस्था से पहले संतुलित वजन बनाए रखें

यदि आप गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, तो सबसे जरूरी है कि कसरत, योग और अपने खानपान में परिवर्तन लाकर अतिरिक्त वजन को कम करें। वजन संतुलित रहेगा तो जेस्टेशनल डायबिटिज होने की संभावना भी कम रहेगी।

गर्भावस्था के दौरान वजन

गर्भावस्था के दौरान कुछ वजन प्राप्त करना सामान्य और स्वस्थ है। लेकिन बहुत अधिक वजन बढ़ना जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है। स्वस्थ गर्भावस्था में आपका कितना वजन बढ़ना ठीक है, यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

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