कैंसर से ठीक हुए लोग धीमी गति से चलते हैं तो उनके लिए है बड़ा खतरा, जानें क्या कहता है शोध

कैंसर से ठीक हुए लोग धीमी गति से चलते हैं तो उनके लिए है बड़ा खतरा, जानें क्या कहता है शोध

सेहतराग टीम

बढ़ते टेक्नोलाजी की वजह से लोगों की जिंदगी काफी तेज हो गई है। इसकी वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में हमें अपने खान-पान और रहन-सहन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। समय-समय पर बीमारियों को लेकर कई अध्ययन भी सामने आते हैं। जैसे हाल ही में सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन और नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (एनसीआई) के नेतृत्व में एक अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि कैंसर से बचे लोगों में धीमी गति से चलने से उनकी मृत्यु की संभावना बढ़ सकती है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।

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दरअसल, अनुसंधान ने धीमी गति से चलने की गति और कैंसर से बचे लोगों में मृत्यु के जोखिम के बीच एक जुड़ाव की पहचान की है। शोधकर्ता अब इसको लेकर अधिक शोध करना चाहते हैं। वे इसमें ये जानना चाहते हैं कि, क्या शारीरिक गतिविधि कैंसर से बचे लोगों को कैंसर से बचने और उपचार के बाद जीवित रहने और जीवित रहने की क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं या नहीं।

हालांकि, ये अध्ययन इस बात को पुख्ता नहीं करता है कि धीमी गति से चलना मृत्यु का कारण है। एसोसिएशन ने कम से कम नौ ट्यूमर प्रकारों पर अपनी नजर बनाए रखी। वहींवाशिंगटन विश्वविद्यालय में सार्वजनिक स्वास्थ्य विज्ञान विभाग में सर्जरी के सहायक प्रोफेसर ने कहा कि, 'कैंसर से पीड़ित लोग पहले से ज्यादा लंबे समय तक जीवित रह रहे हैं, और ये एक अच्छी खबर है। लेकिन ये हमारी समझ में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है कि कैसे कैंसर की एक विस्तृत श्रृंखला का निदान और उपचार जीवित रहने के दौरान चलने की गति को प्रभावित कर सकता है।'

शोधकर्ताओं ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ रिटायर्ड पर्सन्स डाइट और हेल्थ स्टडी में नामांकित 2 लाख 33 हजार प्रतिभागियों का अध्ययन किया। प्रतिभागियों (जिनकी उम्र 50 से 71 थी) ने स्वास्थ्य और चलने की गति के बारे में कई सवालों का जवाब दिया। इसमें क्या उनके पास चलने से संबंधित कोई विकलांगता थी? क्या वो बहुत धीमी गति से चलते हैं या वो चलने में असमर्थ हैं? जैसे कई सवाल शामिल थे। साथ ही मूल्यांकन के बाद प्रतिभागियों पर कई सालों तक नजर रखी गई।

अध्ययन में पाया गया कि कैंसर से बचे लोगों में सबसे धीमी गति से चलने की 42% और विकलांग होने की 24% अधिक संभावना थी। कैंसर से बचे लोगों में सबसे धीमी गति से चलने वालों में किसी भी कारण से दो गुना से अधिक मौत का खतरा था। इसमें ये भी पाया गया कि सबसे धीमी चलने की गति स्तन, बृहदान्त्र, मेलेनोमा, गैर-हॉजकिन लिंफोमा, मौखिक, प्रोस्टेट, मलाशय, श्वसन और मूत्र कैंसर सहित नौ प्रकार के कैंसर के लिए किसी भी कारण से मृत्यु का खतरा काफी बढ़ गया है।

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