लीची कई बीमारियों में है नुकसानदेह, जानें किसको नहीं करना चाहिए इसका सेवन

लीची कई बीमारियों में है नुकसानदेह, जानें किसको नहीं करना चाहिए इसका सेवन

सेहतराग टीम

गर्मी का मौसम आ गया है। इस मौसम में लोगों को अपने सेहत का ज्यादा ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। इसलिए इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा  प्रोटिन और विटामिन वाली चीजों का सेवन करना चाहिए। वहीं गर्मी के लिए लीची काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि लीची में विटामिन सी, विटामिन बी6, नियासिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, तांबा, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्निशियम और मैगनीज जैसे खनिज पाए जाते हैं। 

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रोजाना लीची का सेवन करने से बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते हैं। इसके साथ ही ठीक ढंग से शारीरिक विकास होता है। हालांकि लीची खाने के अधिक नुकसान भी होते हैं। इसके कारण आपको एलर्जी के साथ कई समस्याओं का सामना कतरना पड़ सकता है।

इन लोगों को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए लीची का सेवन, फायदे की जगह होगा भारी नुकसान
लो ब्लड प्रेशर

लीची खाने से हाइपरटेंशन, तनाव, सांस की समस्या सब दूर होती है। लेकिन यही अगर ज्यादा मात्रा में खा लिया जाए तो इससे शरीर में ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। जिसके कारण  सुस्ती, बेहोशीपन, थकान की समस्या हो जाती है। अगर आप ब्लड प्रेशर की दवाइयां खाते हैं तो ऐसे में आपको लीची खाने में सावधानी बरतनी चाहिए।

डायबिटीज

लीची का अर्क ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है। यदि आपको डायबिटीज है और लीची खा रहे हैं तो  लगातार ब्लड शुगर मॉनिटर करते रहे। 

सर्जरी

लीची ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है। इसलिए यह सर्जरी के दौरान और बाद में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में समस्या कर सकता है। इसलिए  सर्जरी से कम से कम 2 सप्ताह पहले लीची ता सेवन ना करे। 

ऑटो-प्रतिरक्षा रोग

ऑटो-प्रतिरक्षा रोग जैसे कि मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस), ल्यूपस (सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस, एसएलई), रुमेटीइड गठिया (आरए), या अन्य स्थितियां में लीची इम्यून सिस्टम को अधिक सक्रिय होने का कारण बन सकती है। इससे ऑटो-इम्यून बीमारियों के लक्षण बढ़ सकते हैं। यदि आपके पास ऑटो-प्रतिरक्षा की स्थिति है, तो लीची का सावधानी से उपयोग करना सबसे अच्छा है।

लीची खाने से होने वाले नुकसान

कच्ची लीची का सेवन

अगर आप खाली पेट आधी पकी हुई लीची खाते हैं तो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। दरअसल कच्ची लीची के फल में हाइपोग्लाइसीन ए और मेथिलीनसाइक्लोप्रोपाइल-ग्लाइसिन (एमसीपीजी) टॉक्सिन्स होते हैं जो अत्यधिक मात्रा में होने पर उल्टी का कारण बन सकते हैं। यह गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों में अस्पताल में भर्ती होने के लिए बुखार और दौरे का कारण बन सकता है।

गर्भावस्था और स्तनपान

गर्भवती या स्तनपान कराने के दौरान लीची का उपयोग करना सुरक्षित है या नहीं। इस बात पर रिसर्च चल रही हैं। लेकिन खुद को सुरक्षित रखने के लिए लीची का सेवन ना करें। 

एलर्जी

लीची उन लोगों में एलर्जी का कारण बन सकती है जिन्हें बर्च, सूरजमुखी के बीज और एक ही परिवार के अन्य पौधों, मगवॉर्ट और लेटेक्स से एलर्जी है।

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