International Childhood Cancer Day: बच्चों में कैंसर को लेकर एम्स की स्पेशलिस्ट डॉ. प्रिया तिवारी से कुछ सवाल-जवाब

International Childhood Cancer Day: बच्चों में कैंसर को लेकर एम्स की स्पेशलिस्ट डॉ. प्रिया तिवारी से कुछ सवाल-जवाब

अम्बुज यादव

आज के समय में कई तरह की बीमारी हो रही हैं। उनमें से कई सामान्य हैं तो कई बीमारी जानलेवा भी हैं। उन्हीं में एक है कैंसर जो एक काफी खतरनाक और भयानक बीमारी है। ये हर वर्ग के लोगों को हो सकती है। कैंसर जैसी बीमारी का खतरा बच्चों में भी देखने को मिलता है। दुनिया में हर साल 1 लाख 75 हजार बच्चों की मौत सिर्फ कैंसर की वजह से हो जाती है। यह आकड़ा हर साल बढ़ता ही जा रहा है। इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए हर साल 15 फरवरी को अंतराष्ट्रीय चाइल्डहुड कैंसर डे सेलिब्रेट किया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2002 में की गई थी। तो आज हमने इस खास दिन पर बच्चों में कैंसर के मामले को लेकर दिल्ली के एम्स में कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रिया तिवारी जी से बात की।

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प्रश्न- बच्चों में कैंसर कितने प्रकार के होते है?

उत्तर- डॉक्टर प्रिया ने बताया की बच्चों में बड़ों के मुकाबले काफी कम होते हैं। लेकिन अभी भी भारत जैसे देशों में तकरीबन सालाना 50 हजार मरीज आ रहे हैं। वहीं उन्होंने बताया कि बच्चों में कई तरह के कैंसर होते हैं जैसे- बल्ड कैंसर, बोन कैंसर, रेटिनोब्लास्टोमा यानि आंखों का कैंसर और ब्रेन कैंसर आदि प्रकार के कैंसर होते है। इसके अलावा उन्होंने कहा की बड़ों के मुकाबले बच्चों में 80 फीसदी कैंसर ठीक होने के चांस होते है।

प्रश्न- बच्चों में कैंसर के क्या लक्षण होते है?

उत्तर- डॉक्टर प्रिया ने बच्चों के कैंसर के लक्षणों के बारे में बताया कि ये कई तरह के हो सकते हैं। उनका कहना है कि जब किसी बच्चें को अगर बल्ड कैंसर है तो उसके हड्डियों में दर्द होगा,गर्दन में गांठें बन सकती है,वजन कम हो जाता है, भूख कम हो सकती है और कभी-कभी ब्लीडिंग होने लगता है। वहीं अगर किसी को ब्रेन ट्यूमर है तो सर दर्द, उल्टियां और सीजर(जिसे आम भाषा में झटके) जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

प्रश्न- भारत में बच्चों के कैंसर के लिए कितना कुछ सुविधाएं उपलब्ध है?

उत्तर- डॉक्टर प्रिया ने कहा की पहले भारत में कैंसर जैसी बीमारी से कई बच्चे अपनी जान से हाथ धो देते थें लेकिन अब भारत में कई नई तरह की एंडवास टेक्नोलॉजी आ गई हैं, जिससे बच्चों का इलाज सफलतापूर्वक हो जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में एंडवास रेडियेशन मशीन आ गई हैं जिससे ब्रेन ट्यूमर के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा बच्चों में कैसे किमोथैरेपी करना है इसकी भी समझ भारत के डॉक्टरों में टेक्नोलॉजी के साथ-साथ डेवलप हो गई है।

कैंसर से बचाव

  • न्यू बोर्न बेबी को कैंसर से बचाने के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • बच्चों की साफ सफाई और खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • अगर बच्चों को हड्डियों में दर्द की शिकायत हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • बच्चों को हुई छोटी-मोटी बीमारी जैसे खांसी-जुकाम को इग्नोर न करें।

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