वर्ल्ड टोबैको डे: धूम्रपान करने वालों के लिए ज्याद खतरनाक है कोरोना वायरस

वर्ल्ड टोबैको डे: धूम्रपान करने वालों के लिए ज्याद खतरनाक है कोरोना वायरस

सेहतराग टीम

कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। इसको देखते हुए सरकारें और स्वास्थ्य संगठन लोगों से लगातार अपील कर रहें है कि बाहर कम जाएं और मास्क जरूर पहनें। इन सब के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने धूम्रपान करने वालों के लिए कुछ गाइडलाइन जारी की है। संगठन के महानिदेशक ने बताया कि जो लोग धूम्रपान करते है उन्हें कोरोना होने का डर अधिक होता है। यही नहीं उनकी मौत भी कोरोना से हो सकती है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठम ने कमिट टू क्विट टोबैको अभियान की शुरूआत की है। इसका उद्देश्यलोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना है। तो आइए जानते है कि कोरोना और धूम्रपान को लेकर WHO ने लोगों को क्या चेतावनी दी है?

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धूम्रपान छोड़ने की अपील

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बताया है कि धूम्रपान करने वालों में गंभीर बीमारी विकसित होने और कोविड-19 से मृत्यु का जोखिम 50% तक अधिक होता है। ऐसी स्थिति में भविष्य में कोरोनावायरस के साथ-साथ कैंसर, हृदय रोग और श्वसन संबंधित जोखिमों से बचने के लिए धूम्रपान को तुरंत छोड़ दें।

भारत में ई-सिगरेट और गर्म तंबाकू पर प्रतिबंध लगाने वाले 2019 के राष्ट्रीय कानून के लिए डॉ. टैड्रॉस ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को विशेष पुरस्कार भी दिया। धूम्रपान से कोविड के बढ़े जोखिमों के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- 'धूम्रपान के चलते हाथ से मुंह में वायरस के संचरण की संभावना बढ़ जाती है। यही कारण है कि ऐसे लोगों के कोविड -19 के प्रति संवेदनशील होने की संभावना अधिक होती है।

फेफड़ों के प्रभावित करता है धूम्रपान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'भारत में कोविड-19 महामारी और तंबाकू का उपयोग' नामक दस्तावेज़ के माध्यम से बताया कि धूम्रपान करने वालों में गंभीर लक्षण विकसित होने या कोविड -19 से मरने की संभावना अधिक होती है क्योंकि यह मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करता है। चूंकि धूम्रपान करते समय उंगलियां होंठों के संपर्क में आती हैं, जिससे चलते हाथ से मुंह में वायरस के संचरण की संभावना बढ़ जाती है।

टीकाकरण के असर को भी कम कर सकता है धूम्रपान

विशेषज्ञों के मुताबिक टीकाकरण  के पहले और बाद में धूम्रपान और शराब के सेवन से परहेज करना चाहिए। कुछ शोध बताते हैं कि टीकाकरण के बाद धूम्रपान करने से एंटीबॉडीज का असर कम हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक सभी लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए धूम्रपान जैसी आदतों को छोड़ देना चाहिए।

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