अस्थमा मरीजों के लिए कोविड कितना खतरनाक है और क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

अस्थमा मरीजों के लिए कोविड कितना खतरनाक है और क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

सेहतराग टीम

आज के समय में कई तरह की बीमारी हो रही हैं। उन्हीं में एक है अस्थमा जो अधिकतर लोगों को परेशान करती है। इसमें सांस फूलने लगती है। वहीं सर्दी, खांसी, सांस फूलना जैसे लक्षण कोरोना के भी हैं। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को अगर कोरोना हो जाए तो उनके लिए काफी खतरनाक है। तो आइए जानते हैं ऐसे जोखिमों और निवारक उपायों के बारे में, जिन पर अस्थमा से पीड़ित लोग ध्यान दे सकते हैं। 

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अस्थमा के मरीजों को कोविड-19 होने की संभावना कितनी है?

सार्स-कोव-2 वायरस से होने वाला कोरोना वायरस श्वसन प्रणाली पर हमला करने के लिए जाना जाता है। इस वजह से अस्थमा के मरीजों पर इसके हमला करने की संभावना ज्यादा है। इस समूह के लोगों में इसे लेकर डर और घबराहट ज्यादा है, क्योंकि उनके श्वसन प्रणाली में यह संक्रमण होने और इसका असर पड़ने की संभावना ज्यादा है।  

अस्थमा फेफड़ों का गंभीर संक्रमण है जिससे वायुमार्ग सिकुड़ जाता है, जिस वजह से वायुमार्ग में सूजन, घरघराहट, सांस फूलना, सीने में जकड़न और खांसी होती है। जब इस स्थिति से परेशान किसी रोगी को वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण जैसा श्वसन संक्रमण हो जाता है, तो ऐसे पदार्थों का अतिउत्पादन हो सकता है, जिससे सूजन ज्यादा गंभीर हो सकती है। हालांकि, जब ऐसा कोई रोगी कोरोना वायरस के संपर्क में आ जाता है, तो इससे फेफड़े के ऊतकों के अंदर और साथ ही ब्रोन्कियल मार्ग में सूजन हो जाती है। इसलिए, अगर कोई मरीज मध्यम या गंभीर अस्थमा से पीड़ित है, तो कोविड-19 होने से न केवल अस्थमा के लक्षण बिगड़ सकते हैं, बल्कि निमोनिया भी हो सकता है। भले ही, अब तक अस्थमा के रोगियों में कोरोना वायरस का ज्यादा जोखिम होने की संभावना का समर्थन करने वाले कोई सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन विशेषज्ञ गंभीर लक्षणों और जटिलताओं की संभावना के कारण रोगियों को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। 

रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) का भी कहना है कि भले ही अस्थमा के रोगियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना अन्य रोगियों जितनी है, लेकिन उनमें जटिलताएं पैदा होने की संभावना बहुत अधिक है और चूंकि कोरोना वायरस वायुमार्ग के ऊपरी और निचले अंगों- फेफड़े, नाक और गले को प्रभावित करता है, इसलिए इस बात की काफी संभावना है कि रोगी को अस्थमा का अटैक आ सकता है या निमोनिया हो सकता है।  

कोरोना वायरस के लक्षण क्या हैं?

साल 2020 में कोरोना वायरस की पहली लहर ने लोगों को प्रभावित किया था और 2021 में हम दूसरी लहर में फंसे हुए हैं। भले ही ज्यादातर शुरुआती लक्षण वैसे ही हैं, लेकिन मरीजों में कुछ और भी लक्षण देखने को मिल रहे हैं, जो पहली लहर में दिखे लक्षणों की तुलना में ज्यादा गंभीर हैं।  

कोविड-19 के लक्षण- पहली लहर 

पहली लहर के लक्षण काफी हद तक फ्लू के लक्षणों की तरह ही थे और तुलनात्मक रूप से कम गंभीर थे। संक्रमण फैलने का दर भी कम था और लक्षण निम्न प्रकार से थे।

  • बुखार 
  • सर्दी-खांसी
  • स्वाद न आना 
  • गंध न आना
  • शरीर में दर्द
  • थकान  

कोविड-19 के लक्षण- दूसरी लहर 

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भी पहली लहर जैसे ही लक्षण देखने को मिले हैं। हालांकि गंभीरता और संक्रमण फैलने की बात करें, तो ये ज्यादा गंभीर है। इसके अलावा, दूसरी लहर युवाओं को मुख्य रूप से प्रभावित करती है। दूसरी लहर में कोविड-19 के लक्षणों पर एक नजर डालें। 

  • गले में खराश
  • शरीर में दर्द 
  • मतली 
  • उल्टी आना
  • चक्कर आना
  • लार न बनना, मुंह सूखना
  • पेट खराब होना
  • नाक का लाल होना, बहना
  • दस्त और पतला मल त्यागना
  • सिरदर्द 

किस तरह से मरीजों को कोविड-19 के समय में अस्थमा को संभालना चाहिए? 

किसी भी स्थिति को संभालने की ओर पहला कदम निदान करना है। रोगी के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि उनकी स्थिति कितनी गंभीर है और फिर सावधानी बरतें। अस्थमा के मध्यम से गंभीर स्थिति के रोगियों के लिए सभी सावधानी बरतना आवश्यक है- नियमित रूप से हाथ धोएं, संपर्क से बचें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, फेस मास्क पहनें और जितनी जल्दी हो सके टीका लगवाएं। 

जहां तक इनहेलर इस्तेमाल करने की बात है, तो मरीजों को इन बातों की सलाह दी जाती है-

  • अपने कॉर्टिकोस्टेरॉइड इन्हेलर का उपयोग करना जारी रखें, जब तक कि ऐसा न करने की सलाह न दी जाए। 
  • स्टेरॉयड इनहेलर से परहेज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे अस्थमा का नियंत्रण बिगड़ सकता है और मरीजों में  जटिलताएं पैदा होने का जोखिम बढ़ सकता है।
  •  स्टेरॉयड इनहेलर से बचने से अस्थमा बिगड़ सकता है, जिस वजह से आपातकालीन कक्ष में तत्काल चिकित्सा सहायता की जरूरत पड़ सकती है।
  •  ऐसे समय में जबकि संक्रमण ज्यादा भयावह गति से फैल रहा है, हम वायरस के संपर्क में आने की संभावना को कम करने के लिए अस्थमा नियंत्रण के चरणों का पालन करने की सलाह देते हैं।

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