COVID-19 की दवा बनाने के लिए CIPLA और CSIR-IICT साथ आए, 6 महीने में बनाने का दावा

COVID-19 की दवा बनाने के लिए CIPLA और CSIR-IICT साथ आए, 6 महीने में बनाने का दावा

सेहतराग टीम

फार्मास्युटिकल कंपनी सिप्ला कोविड-19 का इलाज करने के लिए सीएसआईआर-आईआईसीटी (CSIR-IICT) के साथ मिलकर  एंटी-वायरल गुणों के साथ तीन कंपाउंड केमिकल का निर्माण करने के लिए आगे आई है। इसके लिए इसने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी से एक्टिव फार्मा इंग्रीडिएंट्स (APIs) बनाने के लिए मदद मांगी है।

पढ़ें- कोरोना वायरस की हर जानकारी और मदद के लिए यहां देखें राज्यवार हेल्पलाइन नंबर

द हिंदू की खबर के मुताबिक, आईसीटी के निदेशक एस चंद्रशेखर और प्रमुख वैज्ञानिक प्रथम एस मेनकर ने कहा कि सिप्ला के अध्यक्ष वाई के हामिद ने उनसे फेविपिरवीर (Favipiravi), रेमेडिसवीर (Remdesivir) और बालोक्सवीर (Baloxavir) केमिकल कंपाउंड को तैयार करने के लिए कहा था।

आईआईसीटी के निदेशक एस चंद्रशेखर और प्रमुख वैज्ञानिक प्रथम एस मेनकर ने कहा कि सिप्ला के अध्यक्ष वाईके हामिद ने उनसे एंटी वायरल कंपाउंड - फेविपिरावीर, रेमेडिसविर और बोलैक्सेविर तैयार करने के संबंध में संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में कई एंटी-वायरल दवाओं की खोज की गई थी, लेकिन मांग में कमी के कारण क्लिनिकल ट्रायल के बाद रोक दिया गया था।

आईसीटी वैज्ञानिकों ने लगभग 15 ऐसे कंपाउंड्स के बारे में बताया है जिन्होंने विष विज्ञान (toxicology) पास हुए हैं। इसके अलावा ऊपर बताए गए तीनों कंपाउंड्स इसी श्रेणी (category) में हैं।

IICT ने कहा, पहले दो केमिकल कंपाउंड्स फेविपिरवीर और रेमेडिसवीर - पहले से ही क्लिनिकल टेस्ट से गुजर चुके हैं। इसलिए, हमें उन्हें बनाने के लिए अधिक समय की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि कच्चा माल आसानी से उपलब्ध है। इसे बनाने में 6 से 10 सप्ताह लग सकते हैं। हमने अपनी आधुनिक किलो लैब में वैज्ञानिकों के दो शिफ्टों में काम करने के साथ मॉलिक्यूल्स यानी अणुओं को बनाना शुरू कर दिया है।  बोलैक्सेविर (Baloxavir) अणु को शुरू करने की प्रक्रिया अब शुरू होगी।

डायरेक्टर के अनुसार, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, डेटा की गहरी खोज और एडवांस कम्प्यूटेशनल और गणितीय मॉडल के कारण केमिकल कंपाउंड को सिमित करना मुश्किल नहीं है। उन्होंने कहा कि हम शुरुआत में सभी 100 ग्राम बनाएंगे। सिप्ला इसे कोविड 19 के इलाज के लिए दवा बनाने के लिए नियामक प्राधिकरण के पास जाने से पहले कुत्तों और इंसानों पर परिक्षण करेगी।

पढ़ें- गर्म और उमस भरे देशों में कोरोना के फैलाव की रफ्तार धीमी: रिसर्च

चंद्रशेखर ने कहा कि, सिप्ला दवा बनाने में पर्याप्त संसाधनों का निवेश करेगा, जिससे यह अगले 6 महीनों में बाजार में होगी। यह पहली बार नहीं है जब हम फार्मा दिग्गज के साथ सहयोग कर रहे हैं क्योंकि हमने उन्हें एड्स और कैंसर के लिए दवा बनाने में मदद की थी। शोध संस्थान कोविड-19 परीक्षण किट के लिए रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस पीसीआर या आरटी-पीसीआर एंजाइम की आपूर्ति करने के लिए तैयार है, जिसमें 40,000 इकाइयां तैयार हैं मांग होने पर अधिक बनाने के लिए प्रक्रिया जारी है।

 

इसे भी पढ़ें-

शरीर की कोशिकाओं से ही बढ़ता है वायरस का झुंड, जानें ऐसा कैसे होता है?

साबुन के झाग से खत्म होगा कोरोना वायरस, जानें एक्सपर्ट की राय

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।